इसरो का सफरनामा

इसरो का सफरनामा

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
स्थापना: 1969 
मुख्यालय: बेंगलुरू
अध्यक्ष:  ए. एस. किरण कुमार
आदर्श वाक्य (Motto): मानव जाति की सेवा में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी

 

भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम की शुरूआत

26 जनवरी 1950 को एक गणराज्य बनने के साथ ही भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया था और एक वर्ष के भीतर ही परमाणु ऊर्जा विभाग की स्थापना की गई थी, जिसके सचिव के रूप में होमी जहाँगीर भाभा को नियुक्त किया गया था| 1957 में सोवियत संघ द्वारा अंतरिक्ष में स्पुतनिक यान के प्रक्षेपण के साथ ही दुनिया के बाकी देशों का अंतरिक्ष अनुसंधान की ओर ध्यान गया|


भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए सर्वप्रथम 1962 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR)  की स्थापना की गई थी जिसके अध्यक्ष विक्रम साराभाई थे| बाद में सन् 1969 में डॉ. विक्रम साराभाई ने स्वतंत्रता दिवस के दिन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR)  के स्थान पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की स्थापना की थी। डॉ. विक्रम साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक भी कहा जाता है|

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी अंतरिक्ष एजेंसी है और इसका उद्देश्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और राष्ट्रीय लाभ के लिए नए उपग्रहों को प्रक्षेपित करना है|

इसरो की प्रमुख उपलब्धियां

प्रथम भारतीय उपग्रह

भारत ने अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट” 15 अप्रैल 1975 को सोवियत संघ की सहायता से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया था| 1960 और 70 के दशक में इसरो द्वारा स्वदेशी प्रक्षेपण यान के विकास के लिए कार्यक्रम शुरू किए गए थे और

अंततः 1979 में इसरो ने उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-3) को विकसित करने में सफलता प्राप्त की थी।

भारत के पहले रॉकेट लांच के समय भारतीय वैज्ञानिक हर रोज तिरूवंतपूरम से बसों में आते थे और रेलवे स्टेशन से दोपहर का खाना खाते थे। पहले रॉकेट के कुछ हिस्सों को साइकिल पर ले जाया गया था।

पहला स्वदेशी उपग्रह का प्रक्षेपण

रोहिणी”, पहला भारतीय उपग्रह था जिसे सर्वप्रथम स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV-3 के द्वारा कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था| इस समय तक भारत उपग्रहों के वाणिज्यिक प्रक्षेपण के लिए रूस पर निर्भर था| इसलिए इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 1980 और 1990 के दशक में इसरो द्वारा ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) और भू-स्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) का विकास किया गया था|

1981 में APPLE Satellite को संसाधनों की कमी की वजह से बैलगाड़ी पर ले जाया गया था।



ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV)

भारत द्वारा सूर्य के समकालिक कक्षा में भारतीय रिमोट सेंसिंग (IRS) उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए इस क्षमता का विकास किया गया था| PSLV भूस्थिर कक्षा में छोटे आकार के उपग्रहों को प्रक्षेपित कर सकता है| PSLV को सर्वप्रथम 20 सितंबर 1993 को प्रक्षेपित किया गया था|



2015 तक PSLV द्वारा 93 उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित किया गया है जिनमें से 36 भारतीय और 20 अलग अलग देशों के 57 विदेशी उपग्रह थे|

इसरो ने 2008 में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) द्वारा एक साथ 10 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर रूसी विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया था|

30 जून 2014 को PSLV द्वारा भारत के अलावा कनाडा, सिंगापुर, जर्मनी और फ्रांस के पांच उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था|

16 दिसंबर 2015 को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान PSLV द्वारा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केन्द्र से सिंगापुर के छह उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था|

भू-स्थिर उपग्रह प्रक्षेपण या

GSLV का प्रयोग पृथ्वी की निचली कक्षा में 500 टन अंतरिक्ष उपकरण युक्त इनसैट श्रृंखला की तरह भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए किया जाता है| भारत द्वारा GSLV का निर्माण रूस से खरीदे गए क्रायोजेनिक इंजन की मदद से किया गया है|

GSLV में आए ईंधन रिसाव की समस्या को हल करने के बाद 5 जनवरी 2014 को GSLV-D5 की मदद से जीसैट-14 को सफलतापूर्वक अपने इच्छित कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था| इस प्रक्षेपण से साथ ही भारत क्रायो क्लब नामक

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे देशों के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया था| इस समूह में शामिल अन्य देः अमेरिकारूसफ्रांसजापान और चीन है|

कल्पना-1: इसरो द्वारा 12 सितंबर 2002 को प्रक्षेपित मौसम संबंधी उपग्रह, जिसका वास्तविक नाम "मेटासैट" था का नाम बदलकर कल्पना-1 रख दिया गया था| इसरो का यह कदम कल्पना चावला के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के कारण उसके योगदान को समर्पित था| 

चंद्र मिशन:



चंद्रयान-1: चंद्रमा पर पहले मानवरहित मिशन के तहत PSLV के संशोधित संस्करण का उपयोग कर 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया था| चंद्रयान-1, चंद्रमा पर पानी का निशान की खोज करने वाला पहला अंतरिक्ष यान था|

चंद्रयान-2: 2016-17 में GSLV-Mk2 की मदद से चंद्रयान-2 को प्रक्षेपित करने की योजना बनाई जा रही है और यह भारत की दूसरी मानवरहित चंद्र मिशन होगा जो चंद्रमा की उत्पत्ति और  उसके विकास को समझने की कोशिश करेगा|

मंगल अभियान



इसरो द्वारा 5 नवंबर, 2013 को अपने पहले मंगल अभियान के तहत मंगलयान को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रक्षेपित किया था जिसका उद्देश्य मंगल के ऊपरी वायुमंडल, उसके सतह और वहां उपस्थित खनिज का अध्ययन करना था|

इसरो ने 24 सितंबर 2014 को सफलतापूर्वक मंगलयान को मंगल ग्रह से 423 किलोमीटर की दूरी पर अपनी इच्छित कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया था| इस सफलता के साथ ही भारत अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की कक्षा में उपग्रह स्थापित करने वाला पूरी दुनिया का पहला और इस तरह की सफलता प्राप्त करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया था|

एकसाथ 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण: हाल ही में 15 फरवरी 2017 को इसरो ने एकसाथ 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर एक नया इतिहास कायम किया है|

अंतरिक्ष ~



यह इसरो की कमर्शियल डिविजन है जो हमारी स्पेस तकनीक को दूसरे देशों तक पहुंचाती है। ANTRIX के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर देश के दो बड़े उद्योगपति रतन टाटा और जमशेद गोदरेज हैं| इसकी स्थापना 28 सितम्बर 1992 को हुई थी| इसके वर्तमान मुख्य प्रबंध निदेशक वी. एस. हेगड़े हैं| 2014-15 में इसका कुल राजस्व 1,860.71 करोड़ रूपए, प्रक्षेपण के द्वारा प्राप्त आय 325.4 करोड़ रूपए और कुल लाभ 205.10 करोड़ रूपए था|   

इसरो का बजट केंद्र सरकार के कुल खर्च का 0.34% और GDP का 0.08% है। ISRO का पिछले 40 साल का खर्च NASA के एक साल के खर्च का आधा है। वहीं नासा की इंटरनेट स्पीड 91GBps है और इसरो की इंटरनेट स्पीड 2GBps है।

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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